शाह ने कहा- कांग्रेस की भूमिका पर नहीं था संदेह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को सजा सुनाए जाने पर सोमवार को कहा कि दंगों में कांग्रेस की भूमिका पर किसी को संदेह नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारे लगाए और लोगों की नृशंस हत्याएं की थीं।’
शाह ने ट्वीट कर आरोप लगाए कि 1984 के दंगा पीड़ितों ने न्याय की उम्मीद खो दी थी, क्योंकि जिन लोगों ने अपराध किए उन्हें कांग्रेस नेतृत्व का राजनीतिक संरक्षण हासिल था। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले से साबित हुआ है कि 1984 के अपराधी नहीं बच पाएंगे।
सज्जन कुमार को उम्र कैद नहीं, बल्कि फांसी की सजा मिलनी थी। 34 साल बाद आया यह फैसला सिख हत्याकांड के पीड़ितों को कुछ राहत देने वाला है, लेकिन अभी कई दोषी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। 1984 में सिखों का हत्याकांड कांग्रेस की ओर से किया गया अमानवीय कृत्य था। 
-भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के प्रधान 
कांग्रेस पार्टी को 1984 के दंगों के संबंध में सज्जन कुमार पर आए फैसले को स्वीकार कर लेना चाहिए। धर्म एवं जाति के आधार पर लोगों को बांटने का कांग्रेस का पुराना इतिहास रहा है। यह जाना हुआ तथ्य है कि कांग्रेस 1984 के दंगों में शामिल थी। पार्टी को संवैधानिक संस्थान के फैसले को स्वीकार करना चाहिए।  - योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
माकपा सिख विरोधी दंगे में सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है। साथ ही हम चाहते हैं कि गुजरात दंगा सहित सभी सांप्रदायिक दंगों के दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए। यह देर से मिला न्याय है, पर इससे कुछ राहत जरूर मिलेगी। -सीताराम येचुरी, माकपा के महासचिव
छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने सोमवार को चुनावी वादे के अनुरूप किसानों की अल्पकालिक फसली ऋण माफ करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। इसके साथ ही मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1700 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भरोसा दिया था। मुझे बताते हुए खुशी है कि हमने ये दोनों फैसले ले लिए हैं।
बघेल ने कहा, हमारी सरकार ने इसके साथ ही झीरम घाटी में नक्सली हमले की जांच के लिए एसाआईटी गठित करने का फैसला किया है। इस हमले में नंद कुमार पटेल सहित 29 लोग मारे गए थे। लेकिन साजिशकर्ताओं का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। इतिहास में राजनीतिकों का ऐसा संहार कभी नहीं हुआ था। इसलिए दोषियों को पकड़ने के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। 
उन्होंने कहा, 30 नवंबर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी बैंक व छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया है। इससे 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 61 सौ करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ होगा। मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय किया गया कि अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के अल्पकालीन कृषि ऋण के परीक्षण के बाद कृषि कर्ज को माफ करने की कार्रवाई की जाएगी।
बघेल ने कहा कि सरकार ने शपथ लेने के बाद धान की खरीदी दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का भी निर्णय किया है।

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