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الاستسلام أو الموت في الخنادق لمقاتلي تنظيم الدولة الإسلامية

تناولت الصحف البريطانية الصادرة السبت في تقاريرها وتعليقاتها عددا من القضايا اخترنا منها المعارك الأخيرة لعناصر تنظيم الدولة الإسلامية في سوريا، والملياردير الهندي الهارب في لندن، و كذا أسباب أفول نجم رئيس الوزراء الكندي جاستين ترودو. نشرت صحيفة التايمز تقرير ا كتبته، ريتشارد سبنسر، من بيروت عن آخر المعارك لعناصر تنظيم الدولة الإسلامية في سوريا، الذين خيرتهم القوات المدعومة غربيا بين الاستسلام أو الموت في الخنادق. يقول ريتشارد إن مقاتلي تن ظيم الدولة الباقين في قرية الباغ وز، آخر جيوب التنظيم في سوريا، أصبحوا محاصرين من قبل الميليشيا الكردية المدعومة من الغرب، ولكن الهجوم على القرية تعطل بسبب مخاوف من وجود مدنيين رهائن عند التنظيم، بينهم أيزيديون وربما غربيون. وكانت الحكومة البريطانية قالت الشهر الماضي إنها تعتقد أن المصور الصحفي، جون كانتلي، لا يزال حيا، وهناك معلومات غير مؤكدة تفيد بأنه في قرية الب اغوز. وتعتقد المليشيا الكردية أيضا أنه م حتجز مع الصحفي اللبناني، سمير كساب، والقس الإيطالي، باولو دالوغليو، فض لا عن أحد الغربيين العاملين في مجال الإغاثة. ويضي ف الك

शाह ने कहा- कांग्रेस की भूमिका पर नहीं था संदेह

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार को सजा सुना ए जाने पर सोमवार को कहा कि दंगों में कांग्रेस की भूमिका पर किसी को संदेह नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस नेताओं और कार्यकर् ताओं ने भड़काऊ नारे लगाए औ र लोगों की नृशंस हत्याएं की थीं।’ शाह ने ट्वीट कर आरोप लगाए कि 1984 के दंगा पीड़ितों ने न्याय की उम्मीद खो दी थी, क्यों कि जिन लोगों ने अपराध किए उन्हें कांग्रेस नेतृत्व का राजनीतिक संरक्षण हासिल था। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले से साबित हुआ है कि 1984 के अपराधी नहीं ब च पाएंगे। सज्जन कुमार को उम्र कैद नहीं, बल्कि फांसी की सजा मिलनी थी। 34 साल बाद आया यह फैसला सिख हत्याकांड के पीड़ितों को कुछ राहत देने वाला है, लेकिन अभी कई दोषी कानून की गिरफ्त से बा हर हैं। 1984 में सिखों का हत्याकांड कांग्रेस की ओर से किया गया अमानवीय कृत्य था।  -भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के प्रधान  कांग्रेस पार्टी को 1984 के दंगों के संबंध में सज्जन कुमार पर आए फैसले को स्वीकार कर लेना चाहिए। धर्म

المالكي يهاجم السعودية ويدعو حكومة عبد المهدي للخروج من المحور الامريكي

جدد رئيس الوزراء الأسبق نوري المالكي، الاحد، اتهامه السعودية بـ"دعم داعش"، فيما أشار إلى أ ن العراق لن يكون عض واً في أي تحالف ضد إيران. وقال المالكي خلال مقابلة مع إذاعة وتلفزيون إيران، وتناولتها وسائل اعلام دولية، إن "العراق لن يكون عضوا في أي تحالف مع أمريكا والسعودية ضد إيران، ولن يسمح باس تخدام أراضيه ضد جارته إيران". وأضاف أن "العراق لن يكو ن جزءا من تحالف تقوده دولة داعمة لد اعش كالسعودية التي جلبت ا لحرب والدمار للعراق "، مبينا أن "أمريكا تسعى لأن يكون العراق ضمن تحالف تقوده السعودية ". وأشار إلى ضرورة "أهمية خروج حكومة عبد المهدي، من المحور الأمريكي ، كون التحالفات السياسية العراقية لن تمرر بقاء العراق في هذا المحور". ا كد النائب عن كتلة المحور الوطني عبدالله ال خربيط، الاحد، ان العملية السياسية ومصير العراق وشعبه ينبغي ان لا "يُرهن" باتفاقات بين اشخاص، فيما حمل الفتح وسا ئرون مسؤولية تأخير استكمال الكابينة الحكومية . وقال الخربيط في حديث لـ السومرية نيوز، إن "حسم المتبقي من الكابينة الوز

ब्लॉग: सेना की वीरता मोदी सरकार की राजनैतिक पूंजी नहीं है

देश में अगर किसी संस्था की इज़्ज़त अब तक बची हुई है तो वह सेना है. यही वजह है कि सेना की साख और उससे जुड़ी ज नभावनाओं के राजनीतिक दो हन की कोशिश ज़ोर-शोर से जारी है. अपने 48वें मासिक संबोधन में पीएम मोदी ने अ पने मन की एक दिलचस्प बात कही है. उन्होंने कहा कि "अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देंगे जो राष्ट्र की शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे." क्या पाकिस्तान की तरफ़ से आने वाली यह युद्ध जैसा राजनीतिक माहौल तैया र करने की कोशिश है जिसमें सेना और सरकार को साथ-साथ दिखाया जा सके, जनता तक यह संदेश पहुंचाया जा सके कि मोदी सरका र सेना के साथ है और सेना सरकार के साथ है. इसके बाद यह साबित करना आसान हो जाएगा कि जो सरकार के ख़िलाफ़ हैं, वह सेना के भी ख़ि लाफ़ हैं यानी देशद्रोही हैं. जिस तरह हिंदू, राष्ट्र, सरकार, देश, मोदी, बीजेपी, संघ, देशभक्ति वगैरह को एक-दूसरे का पर्यायवाची बना दिया गया है, अब उसमें सेना को भी जोड़ा जा रहा है ताकि इनमें से किसी एक की आलोचना को, पूरे राष्ट्र की और उसकी देशभक्त सेना की आलोचना ठहराया जा

杯水车薪?石油巨头宣布成立10亿美元减排基金

周 五,十家石油 和天然气行业领头企业齐聚伦敦,共同宣布投资10亿美元(大约68亿元人民币),以限制气候变化。环保组织广泛认为这一举动规模太小,杯水车薪。 新成立的这个名为“ 气候投资”的联合投资基金投资期限 为十年。 油气 行业气候倡议组织( )预计,上述投资将消减“超过十亿吨”的碳排放 。基金将主要投资于四个领 域:碳捕捉与储存 ( )、甲烷排放管理、 以及工业效率和交通运输效率的提升。   是由十家大型国有和跨国石油天然气企业的 和董事长牵头于2014年 成立的,代 表了石油天然气行业对气候变化的回应。 成员包括英国石油、壳牌、中石油、沙特阿美石油等企业。这些企业的油气产量和能源供应量分别占全 球总量的20%和 10%。 “ 气候投资基金的成 立表明了我们对大规模推广低碳技术,应对气候挑战的决心,” 机构成员负责人在一份联合声明中宣布。 认真对待排放问题 上述声明选在了《 巴黎协定》正 式生效的当日发布 ,赶在各国政府齐聚摩洛哥马拉喀什召开最新一轮的气候谈判之前。本周,各国将讨论如何以行动兑现在巴黎做出的承诺,将全球气温上升幅度控制 在2摄氏度以下。 只有确保全球二氧化碳排放量在2011年到2050年之间不超过1.1万亿吨,才能有50%的几率确 保全球气温上升幅度成功控 制在 2摄氏度限度之内。然而,联合国环境署上周发布的一份报告指出,温室气体排放必须在2030年预计水平基础上降低25%,相当于每年降低120亿到140亿吨排放。在这种背景下, 在十多年时间中将碳排放降低10亿吨的承 诺显得微不足道。 即便是从投资 体量来看, 的承诺也显 得贡献有限。国际能源机构估算, 年全球能源投资为1.8万亿美元,其中油气投资占45%。 环保团体很快就 指责 不求上进。能 源与气候情报单位(  )能源分析师乔纳森·马绍尔博士认为,这个新成立的投资基金不过是杯水车薪。“超过十年的时间里总计 投资10亿美元 ,相当于每家企业每年的投资金额只 有 万美元,”他说。   表示,新成立的基金“只是起点”,并称将通过与 成员的其他倡议和活动开展合作,放大基金的影响力。“我们将利用我们所具备的专 业知识、设备和网络 所蕴含的巨大感召力和催化作用,推动行业内外共同采取行动,” 声明表示。 微不足道 、来得太晚? 新 基金的重点将在 于降低甲烷排放水平

एशिया कप: अफ़ग़ानिस्तान और भारत के बीच मैच टाई

दुबई में एशिया कप के सुपर-4 के रोमांचक मुक़ाबले में मंगलवार को भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच मैच टाई हो गया. भारतीय टीम 49.5वें ओवर में 252 रन पर ऑ ल आउट हो गई औ र उसे जीत के लिए 253 रन बनाने थे. इस मैच में अफ़ग़ानिस्तान की ओर से कसी गेंदबाज़ी और फ़ील्डिंग देखने को मिली. भारत के ओपनिंग बल्लेबाज़ों की साझेदारी ख़ासी अच्छी रही. के.एल. राहुल (60) और अंबाती रायुडु (57) ने मिलकर 110 रनों की साझेदारी की. 18वें ओवर में टीम को पहला झटका लगा जब अंबाती रा यडु को मोहम्मद नबी ने नजीबुल्लाह ज़दरान के हाथों कैच आउट कराया. इसके बाद 21वें ओवर में के.एल. राहुल को स्पिनर राशिद ख़ान ने एलबीडब्ल्यू आउट किया. दो बड़े खिला ड़ियों के आउट होने के बाद क्रीज़ पर दिनेश कार्तिक जमे. उनका साथ देने के लिए दूसरे पायदान पर कार्यकारी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आए लेकिन 26वें ओवर में धोनी के रूप में तीसरा विकेट गिरा. धोनी आठ रन बनाकर जावेद अहमदी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए. हालांकि, एक तरफ़ कार्तिक जमे रहे. वहीं दूसरे ओर 31वें ओवर में मनीष पांडे (8) और 39वें ओवर में के.एम. जाधव (19) आउट होकर पवेलि

जहां साइबर हैकिंग पूरी तरह सरकारी

मगर, एक देश ऐसा है , जहां की साइबर है किंग सेना पूरी तरह से सरकारी है. इस देश का नाम है उत्तर कोरिया. उत्तर कोरिया में हैकर्स की सेना को चलाती है वहां की ख़ुफ़िया एजेंसी आरजीबी. उत्तर कोरिया में 13-14 साल की उम्र से ही बच्चों को हैकिंग के लिए ट्रेनिंग दी जाने लगती है. स्कूलों से ही प्रतिभाशाली बच्चों को छांटकर हैकिंग की ख़ुफ़िया सेना में दाख़िल कर दिया जाता है. गणित और इंजीनियरिंग में तेज़ छात्रों को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. फिर या तो वो हैकर बनते हैं या सॉफ्टवेयर इंजीनियर. संसाधनों की कमी की वजह से उत्तर कोरिया में बच्चे पहले काग़ज़ के की-बोर्ड पर अभ्यास करते हैं. जो तेज़-तर्रार होते हैं, बाद में उन्हें कंप्यूटर मुहैया कराया जाता है. उत्तर कोरिया अपने यहां के बहुत से छात्रों को चीन या दूसरे एशियाई देशों में आईटी की पढ़ाई करने के लिए भेजता है, ताकि वो साइबर दुनिया को अच्छे से समझ सकें और देश के काम आ सकें. इनमें से कई छात्र पढ़ाई पूरी करके चीन या दूसरे देशों में ही रुक जाते हैं और वहीं से अपने देश के लिए हैकिंग का काम करते हैं. उनका मक़सद कमाई करक